कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ। कोई अपना समझके जो याद करे मुझे, उसे मैं हर जगह तलाशता हूँ।
तब तकरीबन सब कुछ घर में व्यवस्थित ही मिलता है तब तकरीबन सब कुछ घर में व्यवस्थित ही मिलता है
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
मगर वो मेरी मां है जो बिना मेरे बोले ही हर तड़फ मेरी समझा करती है मगर वो मेरी मां है जो बिना मेरे बोले ही हर तड़फ मेरी समझा करती है
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।